Sam Bahadur (2023) – Movie | Reviews, Cast & Release Date

Storyline

फिल्म ‘सैम बहादुर’ का टीजर रिलीज हो गया है और इसे पब्लिक ने विक्की कौशल की फिल्म की पहली झलक के रूप में पसंद किया है। इस फिल्म में विक्की दमदार भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के रोल में नजर आएंगे। मूवी 1 दिसंबर को थियेटरों में रिलीज होगी। पहले विक्की और मेघना ने फिल्म ‘राजी’ में साथ काम किया था।

फिल्म ‘सैम बहादुर’ में अदाकारा मेघना गुलजार हैं जिन्होंने इसे निर्देशित किया है। इस फिल्म में विक्की के साथ-साथ फातिमा सना शेख, नीरज काबी, सान्या मल्होत्रा और जीशान आयूब भी मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म 1 दिसंबर को थियेटरों में रिलीज होगी। पहले विक्की और मेघना ने फिल्म ‘राजी’ में साथ काम किया था।

Cast

Directed byMeghna Gulzar
Written byBhavani Iyer
Shantanu Shrivastava
Meghna Gulzar
Produced byRonnie Screwvala
StarringVicky Kaushal Fatima Sana Shaikh Sanya Malhotra
सैम मानेकशॉ के रूप में विक्की कौशल
सैम की पत्नी सिल्लू मानेकशॉ के रूप में सान्या मल्होत्रा
इंदिरा गांधी के रूप में फातिमा सना शेख
जवाहरलाल नेहरू के रूप में नीरज काबी
CinematographyJay I. Patel
Edited byNitin Baid
Music byScore:
Ketan Sodha
Songs:
Shankar–Ehsaan–Loy
Production
company
RSVP Movies
Release date1 December 2023
CountryIndia
LanguageHindi

विक्की के सैम मानेकशॉ के लुक को लेकर बहुत सराहना की जा रही है। पहले ही पोस्टर के बाद से उनकी अपार प्रशंसा हो रही है। फिल्म में सान्या मल्होत्रा विक्की की पत्नी की भूमिका में दिखेंगी, जो सिल्ली नामक किरदार को निभा रही हैं। फातिमा सना शेख इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं।

सैम मनेकशॉ संगठनशील और युद्धकला के आदर्श उदाहरणों में से एक हैं। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना के मुख्य सेनाध्यक्ष रह चुके उन्हें सम्मानित फ़ील्ड मार्शल के पद तक वृद्धि दी गई। युद्ध में भारत की विजय में मनेकशॉ की नेतृत्व और युद्धरणना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे बांगलादेश का गठन हुआ।

1914 में अमृतसर में जन्में सैम मनेकशॉ एक रुचिकर जीवन की कहानी है। वह भारतीय सेना में 1932 में शामिल हुए थे और जल्दी ही उन्होंने अधिकार प्राप्त किए। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, उन्होंने बर्मा में लड़ाई लड़ी और उन्हें उनके साहस के लिए मिलिटरी क्रॉस से सम्मानित किया गया।

युद्ध के बाद, मनेकशॉ भारतीय सेना में सेवा जारी रखते रहे और 1969 में मुख्य सेनाध्यक्ष नियुक्त किए गए। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारतीय सेना को आधुनिकीकृत और पेशेवर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लेकिन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में तो मनेकशॉ की नेतृत्व कला सचमुच चमकी। उन्होंने एक ब्रिलियंट रणनीति विकसित की, जिससे भारतीय सेना ने जल्दी ही पाकिस्तानी सेना पर उपरी हाथ प्राप्त किया। मनेकशॉ का फ़ैसला इंतज़ार करने का स्ट्रटेजीक मास्टरस्ट्रोक था, क्योंकि वह युद्धरत्नहरों को आमंत्रित कर लेता।

मनेकशॉ का महा-समय तब आया जब उन्होंने ढाका, बांगलादेश में पाकिस्तानी सेना के 90,000 सैनिकों की आत्मसमर्पण स्वीकार की। मनेकशॉ ने पाकिस्तानी जनरल ए.ए.के. नियाज़ी को बोला – “तुमने सचमुच एक सच्चा सैनिक की तरह लड़ाई लड़ी है। अब तुम एक अच्छा कैदी बनोगे” – यह वाक्य भारतीय सैन्य कथाओं का हिस्सा बन गया है।

मनेकशॉ ने 1973 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे और उन्हें फ़ील्ड मार्शल की पद-राशि प्रदान की गई – यह विशेषण भारतीय सेना के एकमात्र अधिकारी को ही मिला है। वह एक लंबा और घटनापूर्ण जीवन जिए, और 2008 में 94 वर्ष की उम्र में इंसानियत से गुजर गए।

Teaser

Trailer

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