आखिरकार फैंस की बेसब्री का इंतजार खत्म हो चुका है। आश्रम सीजन 3 का पार्ट 2 आज यानी 27 फरवरी को अमेजन प्राइम वीडियो और एमएक्स प्लेयर पर रिलीज कर दिया गया है। ये सीरीज पहले ही अपनी पॉपुलैरिटी की सारी हदें पार कर चुकी है, और इस बार भी फैंस को निराश करने का सवाल ही नहीं उठता।
कहानी में इस बार क्या खास है?
प्रकाश झा के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज में वही पुराने किरदार लौटे हैं, लेकिन हर कोई इस बार कुछ नया लेकर आया है। बॉबी देओल, अदिति पोहनकर, चंदन रॉय सान्याल, त्रिधा चौधरी, सचिन श्रॉफ और दर्शन कुमार — ये सभी कलाकार अपनी-अपनी जगह दमदार परफॉर्मेंस देते हैं।
पम्मी की लड़ाई, बाबा की साजिश
इस बार की कहानी की शुरुआत वहीं से होती है, जहां पिछला पार्ट खत्म हुआ था। पम्मी ने बाबा के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज किया है, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब खुद पम्मी को ही दोषी करार देकर जेल भेज दिया जाता है। जेल में पम्मी को पता चलता है कि उसकी मां का निधन हो चुका है और पुलिस उसे अंतिम संस्कार तक करने नहीं देती।
बाबा निराला, जो पम्मी की भक्ति से एक बार फिर पिघलने का नाटक करता है, पुलिस से उसकी जमानत करवाता है और उसे वापस आश्रम लाता है। मगर इस बार पम्मी सेवा करने नहीं, बल्कि बदला लेने के इरादे से आश्रम लौटती है।
डायरेक्शन की बात करें तो…
प्रकाश झा ने एक बार फिर अपनी सटीक डायरेक्शन से साबित कर दिया है कि वो रियल, डार्क और हार्ड-हिटिंग कहानियां दिखाने में मास्टर हैं। हर किरदार को स्क्रीन पर बराबर स्पेस मिला है, जिससे सबकी कहानियां खुलकर सामने आती हैं।
हालांकि, कुछ एपिसोड्स थोड़े लंबे खिंच गए हैं। अगर एडिटिंग थोड़ी ज्यादा टाइट होती, तो रफ्तार और बेहतर हो सकती थी। एडिटर संतोष मंडल के पास मौका था कि हर एपिसोड को 10-15 मिनट शॉर्ट कर दें, लेकिन क्रिस्पनेस की कमी रह गई।
स्टार परफॉर्मेंस की बात करें तो…
इस बार भी सबसे बड़ा शो स्टीलर हैं बॉबी देओल। बाबा निराला के रोल में वो पूरी तरह घुस चुके हैं — कभी मासूम भक्तों के मसीहा, तो कभी साजिशों के बेताज बादशाह। बाबा की आंखों में छुपी खतरनाक चुप्पी बॉबी ने बखूबी निभाई है।
भोपा स्वामी बने चंदन रॉय सान्याल ने भी अपने रोल में जान फूंक दी है। उनकी चालाकी और खौफ दोनों झलकते हैं।
सबसे बड़ा सरप्राइज है अदिति पोहनकर का रोल। पम्मी के किरदार में उनका ट्रांसफॉर्मेशन शानदार है। एक डरपोक लड़की से बागी योद्धा बनने का सफर उन्होंने इतनी मजबूती से दिखाया है कि कई सीन में वो बाबा पर भारी पड़ती हैं। खासकर उनकी आंखों में जो गुस्सा और दर्द नजर आता है, वो आपका दिल चीर देगा।
त्रिधा चौधरी, सचिन श्रॉफ और ईशा गुप्ता ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया है। सभी ने अपने हिस्से की स्क्रीन स्पेस में दम दिखाया है।