Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics | कर्पूरगौरं करुणावतारं के फायदे हिंदी

कर्पूरगौरं फायदे, जानें इसका महत्व

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

“मंगलम भगवान् विष्णु,
मंगलम गरुड़ध्वजः।
मंगलम पुन्डरी काक्षो,
मंगलायतनो हरि॥”

सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव

कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा
बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात
करोमि यध्य्त सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि ||

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव |
जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव
गोविन्द दामोदर माधवेती ||

कर्पूरगौरं करुणावतारं – जो कपूर के समान गोरा और करुणा के अवतार हैं।

संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् – जो सम्पूर्ण संसार का सार हैं और सर्पों के राजा के हार हैं।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे – जो हमेशा हृदय के अंतर में बसे हुए हैं।

भवं भवानीसहितं नमामि – मैं उन्हें नमस्कार करता हूँ, जो भवानी के साथ हैं।

कर्पूर गौरं मंत्र के लाभ:

इस मंत्र का जप करने से शिव भक्त अपने मन को शुद्ध करते हैं, उनका मन शांत होता है, और उन्हें आनंद और संतोष की अनुभूति होती है। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद को आकर्षित करने में सहायक होता है, जिससे भक्तों को शांति, सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

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